सागर बत्रा रायपुर
रायपुर :- अपने अधिकार के लिए आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता/सहायिका कर्मचारी संगठनो के लिए संचालनालय महिला एवं बाल विकास द्वारा 13.2.2023 को 10 बिन्दुओं की जारी निर्देश निहायत ही गई जिम्मेदाराना एवं अलोकतांत्रिक है सरकार द्वारा इनके समस्याओं पर चर्चा न कर यह कहना की 48 घंटे के भीतर काम पर लौट जाये अन्यथा निकालने की कार्यवाही की जावेगी निंदनीय है छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों पर इस तरह के किसी भी कार्यवाही का पुरजोर विरोध करता है और शासन-प्रशासन से मांग करता है कि इन आन्दोलनरत कर्मचारी संगठनों से चर्चा करें और इनकी समस्याओं का समाधान निकाले उल्लेखनीय है सरकार ने अपने जन-घोषणा पत्र में 99 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता/सहायिका को कलेक्टर दर दिए जाने की बात की है पर अद्यतन 4 वर्ष बीतने बाद भी इनके मांगो पर कोई कार्यवाही नहीं की है,जिससे ये काफी आक्रोशित है सरकार अनियमित कर्मचारियों की आवाज निरंतर कुचलने का प्रयास कर रहा है पहले 13 सितम्बर 2022 को सामान्य प्रशासन द्वारा अनियमित कर्मचारी धरना-प्रदर्शन में जाते है तो उनके स्थान पर दूसरा नियुक्त किये जाने का निर्देश है फिर छत्तीसगढ़ शासन,लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वार 09.02.2023 को जारी आदेश अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना में रिक्त पदों में कलेक्टर दर पर नियुक्त किये जाने वाले अनियमित कर्मचारियों से नियमितीकरण की मांग तथा सेवा समाप्त न किये जाने हेतु मांग न करने एवं धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की शपथ-पत्र माँगा जाना इस प्रकार का आदेश निर्देश शासकीय विभागों में कार्यरत अनियमित एवं प्रदेश के पढ़े-लिखे नौजवानों के मौलिक अधिकारों का हनन एव निरंकुश प्रशासन का द्योतक है सरकार अपने वादे के अनुरूप अनियमित कर्मचारियों को उनके अधिकारों नहीं देकर विभिन्न प्रकार की आदेश निर्देशों के माध्यम से प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों के आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा इस प्रकार के किसी भी आदेश/निर्देश/प्रावधान का कड़े शब्दों में निंदा करता है और माननीय मुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री से अनुरोध करते है की प्रकार की आदेश/निर्देशों को रद्द करने हेतु निर्देशित करने का कष्ट करें|